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#कड़वे #पेड #फल बहुत #मीठे

 

*कड़वे पेड फल बहुत मीठे* 

पापा जिद कर रहे थे कि उनकी चारपाई गैलरी में लगा दी जाए। बेटा परेशान था। बहू बड़बड़ा रही थी…..बुजुर्गों को कोई अलग कमरा नहीं देता। हमने दूसरी मंजिल पर एक कमरा दिया है….. सारी सुविधाएं दी हैं,… एक नौकरानी भी दी है। पता नहीं क्या आप 65 साल की उम्र में बीमार हो गए हैं? पिता कमजोर और बीमार हैं। 

अगर आप जिद कर रहे हैं तो मैं उनकी चारपाई गैलरी में रख दूंगा। अमित ने सोचा कि पिता की इच्छा पूरी करना उसका स्वभाव है। अब दीर्घा में पिता की चारपाई आ चुकी थी। पिता, जो हर समय चारपाई पर पड़ा रहता था, अब फाटक पर चढ़ गया।

लॉन में कुछ देर टहलें। पोते-पोते लॉन में खेल रहे हैं - पोते-पोतियों से बात कर रहे हैं, हंस रहे हैं और मुस्कुरा रहे हैं। कभी-कभी वह अपने बेटे से अपनी पसंद का खाने-पीने का सामान लाने का भी अनुरोध करता था।

खुद खाता है, बहू और बच्चों को भी खिलाता है। धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य ठीक होने लगा।

दादा जी ! मेरे बाल फेंक दो गेट में घुसते ही अमित ने अपने पांच साल के बेटे की आवाज सुनी। 

तो बेटा अपने बेटे को डांटने लगा। अंशुल बाबा बुजुर्ग हैं, उनसे ऐसे कामों के लिए मत पूछो।

पापा ! दादाजी हमारे बाल रोज फेंकते हैं। अंशुल भोलेपन से बोला।

क्या.. अमित ने आश्चर्य से अपने पिता की ओर देखा?

पिता- हां बेटा, ऊपर वाले कमरे में आपने बहुत सुविधाएं दी थीं। लेकिन उनके प्रशंसक वहां नहीं थे। आप लोगों से बात नहीं हो सकी।

जब से गैलरी में चारपाई पड़ी है, आप जाते समय लोगों से बातें कर रहे हैं। अंशुल-पाशी शाम को साथ हैं।

पिता को बुलाया जा रहा था और अमित सोच रहे थे। 

बुजुर्गों को शायद भौतिक सुख-सुविधाओं से अधिक अपनों के साथ चाहिए। 

बुजुर्गों का सम्मान करें।

ये है हमारी धरोहर। 

ये वो पेड़ हैं, जो थोड़े कड़वे होते हैं, लेकिन इनके फल बहुत मीठे होते हैं और इनकी छाया का कोई मुकाबला नहीं होता!


लेख पढ़ने के बाद कृपया इसे दूसरे को  शेयर करें। 

और हर हाल में अपने बड़ों का ख्याल रखना है। 

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